हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,अल जज़ीरा के हवाले से बताया कि इस्राइल ग़ाज़ा में जातीय सफ़ाया करते हुए अब फ़िलस्तीनियों का नरसंहार कर रहा है, और यह सब अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चुप्पी के साए में हो रहा है।
गुटेरेस ने कहा कि फिलस्तीन शरणार्थियों की सहायता और पुनर्वास के लिए बनाए गए एजेंसी (UNRWA) के हर 50 कर्मचारियों में से एक व्यक्ति युद्ध के दौरान मारा गया है। उन्होंने इसे संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में स्टाफ की अब तक की सबसे बड़ी क्षति बताया।
उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए सुरक्षा परिषद की निष्क्रियता पर निराशा जताई और कहा कि भू-राजनीतिक मतभेदों की वजह से अंतरराष्ट्रीय क़ानून के समर्थक भी अब निराश हो चुके हैं।
जब उनसे पूछा गया कि ग़ाज़ा में इस्राइली अपराधों पर कोई क़ानूनी कार्रवाई क्यों नहीं हो रही तो उन्होंने कहा,दुर्भाग्य से आज की दुनिया में हम हर जगह दंड से छूट की स्थिति का सामना कर रहे हैं।
गुटेरेस ने आगे कहा,दुर्भाग्य से न सिर्फ़ राहतकर्मी और पत्रकार, बल्कि आम नागरिक भी भयावह परिस्थितियों में मारे जा रहे हैं और कोई जवाबदेही नहीं है।
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